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बचपन
नन्ही से दुनिया में आया उजाला
व़ो बचपन क़ि हँसी ,
व़ो प्यारा सा आँचल
माँ क़ि लोरी में न थी
व़ो दुनिया क़ि करवाहट
हँसती हसाती प्यारी सी दुनिया
नींद खुली छा गया अँधेरा
अनजाने लोगो से भरी दुनिया
मीलों चलो तो एक बूंद मिले
कटीले रास्तो में सांसे चले
काश लौट आये
ममता क़ि फुहार
व़ो बचपन क़ि हँसी
व़ो प्यारा सा आँचल
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